विचित्र आवाज़ें विचित्र आवाज़ें
आजीवन करते हम संचय रहें, तो सुखमय जीवन रहे आए गम न पास। आजीवन करते हम संचय रहें, तो सुखमय जीवन रहे आए गम न पास।
कानून नामक सख्श भी, विचित्र है, भीड़ का अपना हीं,एक चरित्र है। कानून नामक सख्श भी, विचित्र है, भीड़ का अपना हीं,एक चरित्र है।
जिंदगी की बात ही जनाब अलग है कभी ग़म है , कभी भ्रम तो कभी सुुुुलग है। जिंदगी की बात ही जनाब अलग है कभी ग़म है , कभी भ्रम तो कभी सुुुुलग है।
कितना विचित्र है यह संसार, देता है दर्द और मांगता प्यार। कितना विचित्र है यह संसार, देता है दर्द और मांगता प्यार।
हमारे जीवन के अभिन्न रंगों का संसार बड़ा ही विचित्र है , हमारे जीवन के अभिन्न रंगों का संसार बड़ा ही विचित्र है ,